घर पर विज्ञान! रोशनी को मोड़कर रंग बनाएं? सेलोटेप बन जाए जादुई पेंट — बनाइए पोलराइज़्ड लाइट कैलिडोस्कोप
नमस्ते, मैं कुवाको केन हूँ, आपका साइंस ट्रेनर। मेरे लिए हर दिन एक नया प्रयोग है।
हमारे चारों ओर सूरज और ट्यूबलाइट से आने वाली रोशनी भरी हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पारदर्शी रोशनी के अंदर रंगों का एक गुप्त संसार छिपा है जो हमें सामान्य रूप से दिखाई नहीं देता?
अक्सर हम रोशनी को बस एक साधारण चीज़ समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन इसके भीतर हमारी कल्पना से भी सुंदर इंद्रधनुषी रंग सोए हुए हैं। आज मैं आपको रोशनी की इस असलियत से रूबरू कराऊँगा और एक ऐसा जादुई विज्ञान प्रयोग दिखाऊँगा जिसे आप अपने घर पर खुद दोहरा सकते हैं।
हाल ही में मैंने नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचर एंड साइंस में पोलराइजिंग प्लेट्स (Polarizing Plates) का एक अद्भुत प्रदर्शन देखा। जब आप एक सफेद एलसीडी स्क्रीन को इन प्लेट्स के ज़रिए देखते हैं, तो अचानक उसमें अनगिनत रंग उभर आते हैं। सबसे पहले इस जादुई नज़ारे को इस वीडियो में देखें:
इस जादुई घटना के पीछे का असली राज रोशनी का ध्रुवीकरण (Polarization) और सेलो टेप जैसी चीज़ों में पाया जाने वाला द्वि-अपवर्तन (Birefringence) का गुण है। चलिए, इसी सिद्धांत का उपयोग करके हम अपना खुद का एक अनोखा पोलराइजिंग कैलीडोस्कोप (रंगदर्शी) बनाते हैं।
बनने के बाद यह कैसा दिखता है, यहाँ देखें:
तो चलिए, अब मैं आपको घर पर विज्ञान का यह नुस्खा तैयार करने का तरीका बताता हूँ।
विज्ञान का नुस्खा: रोशनी के ऑपरेशन के औज़ार
ज़रूरी सामान
पोलराइजिंग प्लेट, ट्यूब (बेलनाकार नली), मिरर शीट, आरी या कटर, पैकिंग मटेरियल, कैंची, सेलो टेप, मार्कर पेन, पेपर कप।
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बनाने की विधि: अपना रंगीन जादुई पिटारा तैयार करें
सबसे पहले ट्यूब को अपनी पसंद की लंबाई (लगभग 15 सेमी सही रहती है) में काट लें। अब ट्यूब की चौड़ाई के हिसाब से मिरर शीट के 3 टुकड़े काटें। इसे कैंची से आसानी से काटा जा सकता है।
मिरर शीट के ऊपर लगी सुरक्षा फिल्म (प्रोडेक्टिव फिल्म) को सावधानी से हटा दें और तीनों टुकड़ों को सेलो टेप की मदद से आपस में जोड़कर एक त्रिकोणीय खंभा (Prism shape) बना लें।
इस तैयार दर्पण के खंभे को ट्यूब के अंदर डाल दें।

इसे हिलने से रोकने के लिए आसपास के खाली हिस्से में पैकिंग मटेरियल भर दें ताकि यह मजबूती से टिक जाए।

अब ट्यूब के एक सिरे के माप की पोलराइजिंग प्लेट काट लें। इसकी सुरक्षा फिल्म हटाएँ और इसे सेलो टेप से ट्यूब के एक तरफ चिपका दें। यह आपका देखने वाला छेद (Viewfinder) होगा।

इसके बाद, एक पेपर कप के निचले हिस्से को कटर से काट दें। वहाँ भी एक पोलराइजिंग प्लेट लगाएँ। अब इस प्लेट के ऊपर सेलो टेप के टुकड़ों को बिना किसी खास क्रम के एक-दूसरे के ऊपर बेतरतीब ढंग से चिपकाएँ।

प्रो टिप: पहले थोड़ा ही टेप लगाएँ, बाद में देखते समय आप अपनी पसंद के अनुसार और टेप जोड़ सकते हैं।
अब ट्यूब और पेपर कप को आपस में जोड़ दें, आपका पोलराइजिंग कैलीडोस्कोप तैयार है! इसे तुरंत रोशनी की ओर ले जाएँ और अंदर झाँकें।

नतीजा: रोशनी का रंगीन संगीत
अंदर का नज़ारा कैसा दिखता है, इस वीडियो में उसकी सुंदरता का आनंद लें:
सबसे पहले इसे किसी ट्यूबलाइट की ओर रखें और धीरे-धीरे घुमाते हुए देखें।

रंग और पैटर्न पल-पल बदलते रहेंगे।

हैरानी की बात यह है कि इसमें कोई रंगीन मोती या पत्थर नहीं हैं, फिर भी इतने जटिल रंग और आकार बन रहे हैं। अगर आप इसे और भी स्पष्ट देखना चाहते हैं, तो नीचे से मोबाइल की टॉर्च या एलईडी लाइट जलाकर देखें।
पारदर्शी सेलो टेप में रंग कहाँ से आए? दरअसल, सेलो टेप जैसे प्लास्टिक में द्वि-अपवर्तन का गुण होता है, जो रोशनी की लहरों के चलने के तरीके को बदल देता है। जब यह घटना दो पोलराइजिंग प्लेटों के बीच होती है, तो रोशनी का कोई खास रंग उभरकर हमारी आँखों तक पहुँचता है।
टेप चिपकाने के तरीके और उसकी परतों की संख्या के आधार पर रंगों के अनगिनत पैटर्न बन सकते हैं। आप भी अलग-अलग एंगल से कोशिश करें और अपना पसंदीदा रंग ढूँढें।
वैसे, यह साइंस म्यूजियम में पोलराइजिंग प्लेट्स का एक बड़ा डिस्प्ले है। इसे देखना काफी दिलचस्प है क्योंकि यह बड़े पैमाने पर काम करता है।
क्या आप पोलराइजिंग प्लेट्स के बारे में जानते हैं?
इस कैलीडोस्कोप का असली हीरो यह काली दिखने वाली फिल्म है जिसे पोलराइजिंग प्लेट कहते हैं। हाई स्कूल के विज्ञान में इसका उपयोग अक्सर यह दिखाने के लिए किया जाता है कि रोशनी एक अनुप्रस्थ तरंग (Transverse Wave) है।
रोशनी दरअसल लहरों के रूप में चलती है। इसे आप ऐसी लहरें समझ सकते हैं जो हर दिशा में – ऊपर, नीचे, दाएँ, बाएँ – कंपन करती हुई आगे बढ़ती हैं। पोलराइजिंग प्लेट एक अदृश्य झरोखे या सुदाले (Sudare) की तरह काम करती है जो इन लहरों को एक कतार में लाती है।
जब रोशनी एक लंबवत झरोखे से गुजरती है, तो केवल वही रोशनी बाहर निकलती है जो खड़ी दिशा में कंपन कर रही हो। अगर इसके तुरंत बाद हम एक क्षैतिज (Horizontal) झरोखा रख दें, तो रोशनी बिल्कुल रुक जाएगी और सब कुछ काला दिखाई देगा।
इन प्लेट्स की एक खास दिशा होती है। इन्हें घुमाने पर आप रोशनी को आर-पार जाने दे सकते हैं या उसे पूरी तरह रोक सकते हैं।
यह तकनीक हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी काम आती है। जैसे पानी की सतह से टकराकर आने वाली तेज़ चमक को कम करने के लिए कैमरों में PL फिल्टर (ध्रुवीकरण फिल्टर) का उपयोग किया जाता है, जिससे पानी के अंदर का हिस्सा साफ दिखाई देता है।
सेलो टेप ने इंद्रधनुष कैसे बनाया?
अब आप सोच रहे होंगे, “ठीक है, रोशनी रुकती और चलती है, पर रंग कहाँ से आए?”
यहीं काम आता है हमारा दूसरा हथियार – सेलो टेप। सेलो टेप में रोशनी के कंपन की दिशा को मरोड़ने (Twist) की अद्भुत शक्ति होती है। और सबसे मज़ेदार बात यह है कि यह हर रंग को अलग-अलग कोण पर मरोड़ता है।
जब रोशनी पहले झरोखे से निकलकर सेलो टेप से गुजरती है, तो लाल रंग एक तरफ मुड़ जाता है और नीला रंग दूसरी तरफ। जब यह रोशनी दूसरे झरोखे तक पहुँचती है, तो केवल वही रंग बाहर निकल पाता है जो उस झरोखे की दिशा में मुड़ा हो। इसी वजह से हमें पारदर्शी टेप में भी शानदार इंद्रधनुषी रंग दिखाई देते हैं।
जितनी ज़्यादा टेप की परतें होंगी, रोशनी उतनी ही ज़्यादा मुड़ेगी और उतने ही नए रंग बनेंगे।
तो, इस तरह हमने बेकार पड़े सामान जैसे टॉयलेट पेपर रोल और टेप का उपयोग करके एक बेहद खूबसूरत और इको-फ्रेंडली कैलीडोस्कोप बनाया।
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