जादुई थैली का राज़: गर्म पानी में डालते ही हवा से क्यों फूल जाती है?

मैं हूँ आपका साइंस ट्रेनर, कवाको केन। हर दिन एक नया प्रयोग!

क्या आपने कभी “जादुई थैली” के बारे में सुना है? यह एक अजीब सी थैली होती है जो बिना कुछ किए, बस गर्म पानी में डालते ही अपने आप फूलकर मोटी हो जाती है। असल में, इसमें कोई जादू नहीं है; यह विज्ञान की शक्ति से फूलती है। इसके पीछे का रहस्य, इस्तेमाल होने वाला सामान, सब कुछ बेहद सरल है। इस बार, मैं आपको एक ऐसा विज्ञान प्रयोग बता रहा हूँ जिसे आप घर पर आसानी से कर सकते हैं और जिसका ‘वाह’ वाला असर भी ज़बरदस्त है। उस अद्भुत पल को ज़रूर अनुभव करें जब कोई द्रव (लिक्विड) पल भर में गैस में बदल जाता है!

तैयारी और प्रक्रिया
इस प्रयोग के लिए आपको जो चीज़ें चाहिए, वे सब आपके आस-पास आसानी से मिल जाती हैं।

ज़रूरी सामान:

पॉलीथीन वाली खाने की चीज़ें स्टोर करने वाली ज़िप लॉक थैली (Ziploc Bag)

शुद्ध इथेनॉल (Ethanol) (यह आपको दवाई की दुकानों पर मिल सकता है)

इलेक्ट्रिक कुकर (Electric Cooker) (या टेबल टॉप इंडक्शन चूल्हा और बर्तन)

गर्म पानी (लगभग 90°C)

प्रक्रिया (Steps):

थैली में बस थोड़ा सा (लगभग 5 मिलीलीटर) इथेनॉल डालें, हवा निकालकर उसे कसकर बंद कर दें।

इलेक्ट्रिक कुकर में पानी डालकर उसे 80-90°C तक गरम करें।

जब पानी गरम हो जाए, तो इथेनॉल वाली थैली को धीरे से उसमें डाल दें।

देखें कि थैली पलक झपकते ही कैसे फूलने लगती है!

※ जलने से बचने के लिए बहुत सावधान रहें। थैली को पानी में डालने के लिए चिमटे (Tongs) का इस्तेमाल करना सुरक्षित होगा।

प्रयोग ऐसा दिखता है!

हमने इस बार इलेक्ट्रिक कुकर का उपयोग करके गर्म पानी तैयार किया।

① थैली में इथेनॉल डालने के ठीक बाद

अभी थैली बिल्कुल चिपटी है। अंदर का इथेनॉल द्रव अवस्था (Liquid state) में है।

इथेनॉल डाला हुआ तुरंत बाद की थैली

② गर्म पानी में थैली डालते ही…

देखते ही देखते थैली पूरी तरह फूल गई! यह साफ दिख रहा है कि अंदर का इथेनॉल गैस में बदल गया है और उसका आयतन (Volume) बहुत बढ़ गया है।

गर्म पानी में डालकर फूली हुई थैली

क्यों फूलती है? क्वथनांक (Boiling Point) और आयतन परिवर्तन
इस घटना की कुंजी क्वथनांक (Boiling Point) है। क्वथनांक वह तापमान होता है जिस पर कोई द्रव उबलने लगता है और गैस में बदल जाता है। पानी का क्वथनांक 100°C है, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन इथेनॉल का क्वथनांक इससे कहीं कम, लगभग 78°C होता है।

इसलिए, जब इथेनॉल को लगभग 90°C के गर्म पानी में डाला जाता है, तो यह तुरंत उबलकर गैस (इथेनॉल वाष्प/Vapour) में बदल जाता है। जब कोई द्रव गैस बनता है, तो उसे बनाने वाले छोटे कण (अणु/Molecules) आज़ादी से इधर-उधर भागने लगते हैं और उनके बीच की दूरी बहुत बढ़ जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि आयतन कई सौ गुना बढ़ जाता है, जो थैली को अंदर से दबाकर फुला देता है।

लेकिन, इथेनॉल पानी से कम तापमान पर गैस क्यों बन जाता है? इसका कारण यह है कि अणुओं के एक-दूसरे को खींचने की शक्ति अलग-अलग होती है।

पानी के अणु (H
2

O) एक-दूसरे को “हाइड्रोजन बॉन्ड” नाम के एक मज़बूत बंधन से कसकर पकड़े रहते हैं। इस बंधन को तोड़कर आज़ादी से भागने (यानी गैस बनने) के लिए उन्हें 100°C की ज़्यादा ऊर्जा की ज़रूरत होती है।

दूसरी ओर, इथेनॉल के अणु (C
2

H
5

OH) भी हाइड्रोजन बॉन्ड बनाते हैं, लेकिन पानी की तुलना में यह कमज़ोर होता है। इसलिए, वे लगभग 78°C की ऊर्जा से बंधन तोड़कर गैस बन सकते हैं। अणुओं की इस अदृश्य दुनिया का अंतर ही यह तय करता है कि थैली फूलेगी या नहीं!

कक्षा या प्रोजेक्ट में इस्तेमाल के लिए मुख्य बातें
यह प्रयोग सिर्फ़ मज़ेदार ही नहीं है, बल्कि यह बहुत कुछ सिखाता भी है।

क्वथनांक के अंतर को महसूस करें: इसे इथेनॉल और पानी, दोनों के साथ आज़माएँ। पानी से भरी थैली मुश्किल से ही फूलेगी। इससे आप ज़ोरदार तरीके से दिखा सकते हैं कि “अलग-अलग पदार्थों का क्वथनांक अलग होता है।”

अवस्था परिवर्तन और अणुओं की दुनिया: थैली के फूलने (बड़ी चीज़ों को देखने) के बाद, “ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अणुओं के बीच की दूरी बढ़ जाती है,” कहकर अणु स्तर (छोटी चीज़ों को देखने) की बात करें। इससे सिद्धांत और घटना आपस में जुड़ते हैं और समझ गहरी होती है।

और कम क्वथनांक वाला पदार्थ? ड्राई आइस (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) का क्वथनांक −78.5

C है। “ऊर्ध्वपातन” (Sublimation), जिसमें कोई पदार्थ द्रव अवस्था में आए बिना सीधे ठोस से गैस में बदल जाता है, भी अवस्था परिवर्तन का एक दिलचस्प विषय है।

इलेक्ट्रिक कुकर का कमाल!
किताबों में अक्सर ट्रे पर थैली रखकर ऊपर से गर्म पानी डालने का तरीका बताया जाता है, लेकिन इलेक्ट्रिक कुकर का इस्तेमाल करने से तापमान को नियंत्रित करना आसान हो जाता है, और तैयारी और सफाई भी बहुत आसान होती है।

इलेक्ट्रिक कुकर (Amazon)

सबसे अच्छी बात यह है कि थैली का एक जीव की तरह फूलना देखना कभी बोर नहीं करता। यह “क्यों?” जानने की जिज्ञासा पैदा करने का सबसे बेहतरीन ज़रिया है। क्या आपके घर के कोने में पड़ा इलेक्ट्रिक कुकर इस साल विज्ञान के प्रयोगों में इस्तेमाल नहीं हो सकता?

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