₹100 में बनाइए अपना “फॉल्ट मॉडल”! अपने हाथों पर महसूस करें नॉर्मल और रिवर्स फॉल्ट की असली हरकतें【आसान क्राफ्ट】

मैं हूँ केन कुवाको, आपका विज्ञान ट्रेनर! हर दिन एक प्रयोग है!

आपने भूकंप की खबरों में ‘भ्रंश’ (Fault) शब्द ज़रूर सुना होगा। पाठ्यपुस्तक में सिर्फ एक तस्वीर या आरेख देखकर, ज़मीन के नीचे हो रही विशाल ऊर्जा की हलचल को महसूस करना बहुत मुश्किल है, है ना? मैंने सोचा, “अगर छात्र इस ‘ज़मीन के खिसकने’ वाले ज़बरदस्त (Dynamic) दृश्य को अपनी आँखों से और अपने हाथों से अपनी मेज पर ही अनुभव कर सकें, तो उनकी समझ और इसमें उनकी दिलचस्पी कई गुना बढ़ जाएगी!” इसी विचार के साथ, एक एक्सपेरिमेंटल मॉडल का विकास शुरू हुआ। और इसकी थीम थी: “100 येन की दुकान के सामान से, जिसे कोई भी आसानी से बना सके।” आइए, पृथ्वी की इस शानदार गतिविधि को और करीब से समझने वाली हमारी इस छोटी सी विकास कहानी का हिस्सा बनिए।

【विकास की गुप्त कहानी】एक चमक और उद्धारकर्ता मास्किंग टेप

सबसे पहले, मैं गया विचारों के खज़ाने यानी 100-येन की दुकान पर। वहाँ मेरी नज़र पड़ी इस थर्मोकोल (Styrofoam) की ईंट (दाइसो) पर। यह हल्की थी और इसे तराशना आसान था, जो इसे भू-पर्पटी (Geological Strata) के ब्लॉक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए एकदम सही बनाती थी!

発泡スチロール製レンガにカッターを入れる線を示す画像

मैंने इसे भ्रंश (Fault) के लिए तिरछा काट दिया। इससे एक आकार तो बन गया, लेकिन एक बड़ी समस्या आ गई। थर्मोकोल के टुकड़ों के बीच घर्षण (Friction) बहुत ज़्यादा था, जिसकी वजह से परतें ठीक से खिसक नहीं पा रही थीं। खासकर, ‘उत्क्रम भ्रंश’ (Reverse Fault), जहाँ ज़मीन ऊपर की ओर धकेली जाती है, वह “घिस-घिस…” की आवाज़ के साथ अटक जाता था और ठीक से बन नहीं पाता था।

“यह ज़मीन की असली हलचल तो बिल्कुल नहीं है… अब क्या किया जाए…”

जब मैं यही सोच रहा था, तभी मेरी नज़र आम से ‘मास्किंग टेप’ पर पड़ी। क्या यह सतह को चिकना बना सकता है? मैंने इसे भ्रंश की सीमा रेखा पर चिपका दिया… और यकीन मानिए, टुकड़ों ने कमाल की चिकनाई से हिलना शुरू कर दिया!

カットした発泡スチロール製レンガ

दरअसल, यह संयोग पृथ्वी के अंदर हो रही घटना से मेल खाता था। असली भ्रंश की सतह भी पूरी तरह चिकनी चट्टान नहीं होती। इसमें कठोरता से चिपके हुए हिस्से (“एस्पेरिटी”) और तुलनात्मक रूप से फिसलन भरे हिस्से मिले होते हैं। भूकंप तब आता है जब ये एस्पेरिटी अपनी सीमा पार करके अचानक टूटते (खिसकते) हैं।

इस बार, मास्किंग टेप ने ‘फिसलन भरे हिस्से’ की भूमिका निभाई। अगर यह चिकनाई नहीं होती, तो मॉडल बस अटक कर रह जाता। इस आकस्मिक खोज ने हमें एक अतिरिक्त लाभ भी दिया: भू-पर्पटी की सीमा को देखने में आसान बना दिया।

【विज्ञान की रेसिपी】100 येन में बनाइए ‘अपना भ्रंश’!

養生テープを貼った完成版の断層モデル

बनाने का तरीका बहुत ही आसान है।

  • थर्मोकोल की ईंट को एक तेज़ कटर से तिरछा काट लें।
  • निचले ब्लॉक की सीमा रेखा (कटी हुई सतह) पर मास्किंग टेप लगा दें। टेप लगाने से घर्षण थोड़ा कम हो जाता है, और टुकड़ों को हिलने में आसानी होती है।

बस इतना ही! और आपका एक ऐसा एक्सपेरिमेंटल मॉडल तैयार है, जो सामान्य भ्रंश (Normal Fault) और उत्क्रम भ्रंश (Reverse Fault) को वास्तविक रूप से दिखा सकता है!

【प्रयोग】भ्रंश को हिलाएँ और पृथ्वी की शक्ति को महसूस करें!

आइए, अब तैयार मॉडल से ज़मीन की हलचल को दोहराते हैं।

📌 प्रयोग 1: सामान्य भ्रंश [खींची जाती धरती]

मॉडल के ऊपर और नीचे के हिस्सों को पकड़कर, धीरे-धीरे बाईं और दाईं ओर खींचने का ‘तनाव बल’ (Tension) लगाएँ। ऊपरी ब्लॉक दरार के साथ नीचे खिसक जाएगा। यही ‘सामान्य भ्रंश’ (Normal Fault) है।

正断層の動きを再現したモデルの写真

यह वह घटना है जो उन जगहों पर देखी जाती है जहाँ धरती दोनों ओर से फट रही होती है। उदाहरण के लिए, ‘समुद्री कटक’ (Mid-ocean ridge), जहाँ पृथ्वी की सतह को ढकने वाली प्लेटें नई बनती हैं और फैलने की कोशिश करती हैं, या अफ्रीका की ‘ग्रेट रिफ्ट वैली’ (Great Rift Valley), जहाँ महाद्वीप सचमुच फट रहा है।

📌 प्रयोग 2: उत्क्रम भ्रंश [दबाव में धरती]

अब इसके विपरीत, मॉडल को दोनों ओर से दबाकर ‘संपीड़न बल’ (Compression) लगाएँ। आप देखेंगे कि ऊपरी ब्लॉक निचले ब्लॉक पर चढ़ते हुए, ऊपर की ओर धकेला जा रहा है। यही ‘उत्क्रम भ्रंश’ (Reverse Fault) है।

逆断層の動きを再現したモデルの写真

जापान में आने वाले अधिकांश भूकंप इसी उत्क्रम भ्रंश प्रकार के होते हैं। यह तब होता है जब समुद्र से आने वाली प्लेट, जापानी द्वीप समूह वाली प्लेट के नीचे जाने की कोशिश करती है, जिससे धरती पर ज़बरदस्त दबाव पड़ता है। जापान एल्प्स जैसे ऊंचे पहाड़ भी इसी उत्क्रम भ्रंश की हलचल के कारण लाखों वर्षों से धरती के ऊपर उठने (उत्थान) का प्रमाण हैं, जो पृथ्वी की गतिशीलता (Dynamism) को दर्शाते हैं।

लागत चौंकाने वाली है—सिर्फ़ 100 येन से थोड़ा ज़्यादा प्रति सेट! इसका मतलब है कि कक्षा का हर छात्र अपना “मेरा भ्रंश” (My Fault) बना सकता है और हाथ से काम करके सीख सकता है। यह वह सहज समझ (“ओह, तो ऐसा होता है!”) है, जो सिर्फ पाठ्यपुस्तक के चित्रों को देखने से नहीं मिलती। शिक्षकों! आप भी इसे अगली कक्षा के लिए एक ‘शानदार विचार’ (Idea) के तौर पर क्यों नहीं आजमाते?

संपर्क और अनुरोधों के बारे में

विज्ञान के चमत्कारों और मज़ा को और करीब से जानें! हम घर पर किए जा सकने वाले मजेदार विज्ञान प्रयोगों और उनके गुर को आसान तरीके से समझाते हैं। कृपया हमारी अन्य सामग्री भी देखें!

विज्ञान के विचार चैनल (Kagaku no Neta Channel) पर प्रायोगिक वीडियो उपलब्ध हैं!