जादू नहीं, साइंस! देखिए, प्लास्टिक की तितली कैसे हवा में उड़ती है।
मैं हूँ आपका साइंस ट्रेनर, कें कुवाको। हर दिन एक एक्सपेरिमेंट!
सर्दियों में दरवाज़े के हैंडल को छूते ही ‘चटाक!’ की आवाज़, या स्वेटर उतारते समय ‘चर्र-चर्र…’ की आवाज़ आना… यह है थोड़ी परेशान करने वाली स्टैटिक बिजली (Static Electricity)। क्या आप जानते हैं कि यह असल में एक जादुई शक्ति है जिसमें ज़बरदस्त पावर छुपी है? इस बार, हम इसी स्टैटिक बिजली की ताक़त का इस्तेमाल करके प्लास्टिक बैग से बनी एक तितली को हवा में ऐसे तैराएँगे, मानो वह सचमुच ज़िंदा हो! यह एक अद्भुत वैज्ञानिक प्रयोग है। आपको किसी ख़ास उपकरण की ज़रूरत नहीं है। घर में रखी चीज़ों से ही विज्ञान का यह जादू महसूस करके देखिए।
यह एक्सपेरिमेंट, दरअसल एक मशहूर प्रयोग “इलेक्ट्रिक जेलीफ़िश” का ही एक एडवांस वर्ज़न है। इलेक्ट्रिक जेलीफ़िश में पतली प्लास्टिक की पट्टियाँ फाड़कर इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन हम इसे तितली का आकार देंगे, जिससे यह दृश्य और भी मनमोहक लगेगा।
इलेक्ट्रिक जेलीफ़िश का दृश्य
प्लास्टिक बैग से बनी यह तितली देर तक आपके हाथ के ऊपर मंडराती रहेगी… यह नज़ारा आपको किसी जादूगर जैसा महसूस कराएगा। सबसे पहले, इस अद्भुत दृश्य को इस वीडियो में देखिए।
कैसा लगा? मज़ा आएगा, है ना! तो चलिए, तुरंत इस वैज्ञानिक जादू को करने का तरीक़ा सीखते हैं।
ज़रूरी चीज़ें: जादू का सामान इकट्ठा करें!
- गुब्बारा (Balloon)
- सुपरमार्केट या किराने की दुकान वाला पतला प्लास्टिक बैग
- परमानेंट मार्कर (Oil-based Marker)
- कैंची
- तौलिया (सूखा)
तरीक़ा: तितली में जान डालने के स्टेप्स
स्टेप १: तितली बनाएँ
सबसे पहले प्लास्टिक बैग पर अपनी पसंद के रंग से तितली की तस्वीर बनाएँ। ध्यान रहे, उसके पंख बड़े होने चाहिए।
अब कैंची से सावधानी से इसे काट लें। आपकी प्लास्टिक तितली तैयार है!
स्टेप २: स्टैटिक बिजली पैदा करें (चार्ज करें)
यह सबसे ज़रूरी स्टेप है! तितली और गुब्बारा, दोनों में तौलिये से स्टैटिक बिजली पैदा करनी है। तितली को मेज़ पर रखें और तौलिये से ज़ोर से दबाते हुए अच्छी तरह रगड़ें। रगड़ने से तितली स्टैटिक बिजली की ताक़त से मेज़ पर चिपक जाएगी। गुब्बारे की पूरी सतह को भी तौलिये से अच्छी तरह रगड़ें।
स्टेप ३: तितली को हवा में उड़ाएँ!
मेज़ पर चिपकी हुई तितली को ज़ोर से हवा में उछालें। इस समय तितली हाथ से चिपक सकती है, इसलिए उसे ‘हल्के से फ़ुर्ती से’ उछालना ही ट्रिक है। और फिर, जैसे ही तितली नीचे आने लगे, तुरंत रगड़े हुए गुब्बारे को उसके नीचे लाएँ। याद रखें, तौलिये से रगड़ी हुई सतह ही तितली की ओर होनी चाहिए!
स्टेप ४: जादू के समय की शुरुआत!
अगर आपने सब कुछ सही किया है, तो तितली गुब्बारे के ऊपर हवा में तैरने लगेगी और ऐसे मंडराएगी जैसे वह सचमुच ज़िंदा हो। जब आप गुब्बारे को धीरे-धीरे हिलाएँगे, तो तितली भी उसके साथ चलेगी! अगर यह काम न करे, तो तितली का साइज़ थोड़ा छोटा करके देखें। हल्की चीज़ें ज़्यादा आसानी से तैरती हैं। साथ ही, सर्दियों के सूखे दिनों में सफलता मिलने की संभावना ज़्यादा होती है!
सिद्धांत: तितली क्यों तैरती है?
इस जादू के पीछे की सच्चाई, ज़ाहिर है, “स्टैटिक बिजली” है। लेकिन, यह तैरती क्यों है? जब आप प्लास्टिक की तितली और रबर के गुब्बारे को तौलिये से रगड़ते हैं, तो असल में तौलिये से “नकारात्मक चार्ज (इलेक्ट्रॉन)” तितली और गुब्बारे में चले जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, तितली और गुब्बारा दोनों एक ही “नकारात्मक चार्ज” से चार्ज हो जाते हैं।
बिजली में भी चुंबक के N-पोल और S-पोल की तरह एक ख़ासियत होती है: “एक ही तरह के चार्ज एक-दूसरे को धकेलते हैं (प्रतिकर्षित करते हैं), और अलग तरह के चार्ज एक-दूसरे को खींचते हैं (आकर्षित करते हैं)“। इसका मतलब है कि जब नकारात्मक चार्ज वाली तितली और नकारात्मक चार्ज वाला गुब्बारा एक-दूसरे के क़रीब आते हैं, तो एक ऐसी शक्ति काम करती है जो एक-दूसरे को कहती है, “मेरे पास मत आओ!” और वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
हवा में उछाली गई तितली पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के कारण नीचे गिरना चाहती है। लेकिन, जैसे ही गुब्बारा नीचे से पास आता है, स्टैटिक बिजली का “प्रतिकर्षण बल” तितली को ऊपर की ओर धकेलता है। जब यह “नीचे खींचने वाला गुरुत्वाकर्षण बल” और “ऊपर धकेलने वाला स्टैटिक बल” ठीक तरह से संतुलित हो जाते हैं, तो तितली हवा में तैरती रहती है।
स्टैटिक बिजली की और भी कमाल की दुनिया!
आप साधारण चीज़ों से भी मज़े ले सकते हैं, लेकिन स्टैटिक बिजली पैदा करने वाली मशीन “वैंडेग्राफ़ जनरेटर” का इस्तेमाल करके और भी शानदार और मज़ेदार प्रयोग किए जा सकते हैं! आपके बाल खड़े हो सकते हैं, बिजली दिखाई दे सकती है…?! इनमें से कुछ प्रयोगों को टीवी कार्यक्रमों में मशहूर हस्तियों जैसे सुज़ू हिरोज़, रियोहेई सुज़ुकी, यासुको, और चॉकलेट प्लैनेट्स के ओसाडा-सान और मात्सुओ-सान के साथ भी किया गया था। अगर आप विज्ञान की और भी गहराई देखना चाहते हैं, तो यह लेख ज़रूर देखें।
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※ ध्यान दें: स्टैटिक बिजली पैदा करने वाली मशीन (वैंडेग्राफ़ जनरेटर) का इस्तेमाल करके किए जाने वाले प्रयोग हमेशा किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। सावधानी से प्रयोग करें। स्टैटिक बिजली के प्रयोगों से संबंधित किसी भी अनुरोध (जैसे एक्सपेरिमेंट क्लास, टीवी कंसल्टेशन/उपस्थिति, आदि) के लिए कृपया यहाँ संपर्क करें।
【विशेष फ़ीचर】आप इसे रोकना नहीं चाहेंगे! स्टैटिक बिजली के प्रयोग
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