सब्ज़ियों के रंगों का रहस्य खोलो! बैंगनी पत्तागोभी से सीखें चौंकाने वाला “इंद्रधनुष टेस्ट ट्यूब” प्रयोग

नमस्ते, मैं केन कुवाको हूँ, एक साइंस ट्रेनर। मेरे लिए हर दिन एक नया प्रयोग है।

बाजार में मिलने वाली वह बैंगनी गोभी (Purple Cabbage) तो आपने देखी ही होगी। पहली नज़र में तो यह बस एक साधारण सब्जी लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अंदर कुदरत की एक जादुई स्याही छिपी है? आज हम इसी बैंगनी गोभी का इस्तेमाल करके एक परखनली के अंदर खूबसूरत इंद्रधनुष कैद करने का एक मजेदार प्रयोग करेंगे। यह रंगों का ऐसा खेल है जिसे देखकर बच्चे ही नहीं, बड़े भी दंग रह जाएंगे!

बैंगनी गोभी से बनाइए अपना इंद्रधनुष!

विज्ञान की दुनिया में बैंगनी गोभी को एक बेहतरीन प्राकृतिक इंडिकेटर (Natural Indicator) माना जाता है। इसमें एक ऐसी खासियत है कि यह किसी भी तरल पदार्थ के एसिडिक (Acidic) या एल्कलाइन (Alkaline) होने के आधार पर गिरगिट की तरह अपना रंग बदल लेती है। इसी खूबी का इस्तेमाल करके हम आसानी से एक रंगीन इंद्रधनुष जैसा घोल तैयार कर सकते हैं।

ज़रूरी चीज़ें:

・बैंगनी गोभी ・सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) ・हल्का हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Dilute HCl) ・बीकर ・मेज़रिंग सिलेंडर

बनाने की विधि:

बैंगनी गोभी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर बीकर में डालें, फिर इसमें इतना पानी डालें कि गोभी पूरी तरह डूब जाए। अब इसे गैस बर्नर पर गर्म करें। कुछ ही देर में गोभी का रंग पानी में घुलने लगेगा और पानी गहरे बैंगनी रंग का हो जाएगा। जब पानी पूरी तरह बैंगनी हो जाए, तो आंच बंद कर दें और गोभी के टुकड़ों को छानकर अलग कर लें। अब इस बैंगनी रस को मेज़रिंग सिलेंडर में भर लें।

अब इसमें 5 ग्राम सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) मिलाएं। आप देखेंगे कि पलक झपकते ही बैंगनी घोल हरे रंग में बदल जाएगा! यह रंग इतनी खूबसूरती से बदलता है कि हर बार इसे देखकर मुंह से वाह निकल ही जाता है।

इसके बाद, एक पिपेट की मदद से धीरे-धीरे इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। ध्यान रहे, इसे बहुत तेज़ी से न डालें वरना झाग बनकर बाहर गिर सकता है। धीरे-धीरे डालने पर आप देखेंगे कि घोल की ऊपरी सतह लाल होने लगी है।

अंत में, एक कांच की छड़ी (Glass rod) लें और घोल को बहुत ही हल्के हाथों से हिलाएं। जैसे ही आप इसे धीरे से घुमाएंगे, नीचे हरा, बीच में बैंगनी और ऊपर लाल रंग की परतें बन जाएंगी। लीजिए, आपके सिलेंडर में एक शानदार इंद्रधनुषी ढाल (Gradation) तैयार है!

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रंग क्यों बदलता है?

इस जादू के पीछे का असली राज पौधों में पाया जाने वाला एंथोसायनिन (Anthocyanin) नाम का एक पिगमेंट है। एंथोसायनिन की एक दिलचस्प खासियत यह है कि यह अपने आस-पास के pH स्तर (अम्लता या क्षारीयता) के हिसाब से अपने अणुओं का आकार बदल लेता है।

・न्यूट्रल (Neutral) स्थिति में यह बैंगनी रहता है। ・एल्कलाइन (Alkaline – बेकिंग सोडा के साथ) होने पर यह हरा या पीला हो जाता है। ・एसिडिक (Acidic – एसिड के साथ) होने पर यह लाल हो जाता है।

प्रयोग के अंत में इंद्रधनुष इसलिए बनता है क्योंकि सिलेंडर के अंदर एसिडिक, न्यूट्रल और एल्कलाइन परतें अलग-अलग जमा हो जाती हैं।

सफलता का मंत्र: कांच की छड़ी से इसे बहुत ही प्यार से और धीरे से हिलाएं। अगर आपने इसे ज़ोर से मिला दिया, तो सब कुछ आपस में घुल जाएगा और पूरा घोल लाल रंग का हो जाएगा। सुंदर इंद्रधनुष बनाए रखने के लिए धैर्य और सावधानी ही विज्ञान की असली ट्रिक है! यही एंथोसायनिन ब्लूबेरी के नीले-बैंगनी रंग और पतझड़ में पेड़ों की लाल पत्तियों के लिए भी ज़िम्मेदार होता है। प्रकृति की खूबसूरती के पीछे विज्ञान के ऐसे ही कई अनोखे रहस्य छिपे हैं।

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